आजकल की प्रदूषणभरी और भाग दौड की जिन्दगी मे एलर्जी एक जाना पहचाना शब्द है. लगभग ९० प्रतिशत व्यक्ति किसी न किसी रुप से एलर्जी से ग्रसित है. किसी को दुध से नफरत है तो किसी को दही से या यूँ कहें उन्हें इन चीजों के खाने से कुछ विशेष लक्षण उत्पन्न होते है आजकल के शब्दों मे उन्हें दुध या दही से एलर्जी है.
एलर्जी कोई रोग न होकर एक शारीरिक और मानसिक प्रतिक्रिया है जो किसी खास वस्तु के सम्पर्क मे आने से उत्पन्न होती है. जिस वस्तु के सम्पर्क मे आने से यह प्रतिक्रिया होती है उसे उत्तेजक कारक कहते है. अप्राकृतिक खानपान, रहन- सहन के कारण या कभी कभी वंशानुगत भी एलर्जी होने के कारणों में है.
बचपन से ही वातानुकुलित कमरों मे रहने के कारण आजकल बच्चों मे मौसम के परिवर्तन के प्रति सहिष्नुता का अभाव देखा जा रहा है. मौसम का परिवर्तन उनका शरीर बर्दास्त नहीं कर पाता है और कई प्रकार के शारीरिक लक्षण उत्पन्न हो जाते है. यह भी एक प्रकार का एलर्जी ही है.
कुछ विशेष वस्तु जैसे घर का महीन धूल , कालीन का धूल , मकडे का जाल , उपलों का धुआँ , आदि कुछ एसी वस्तुएं है जिनसे बडे पैमाने पर लोगों को कुछ शारीरिक परेशानियाँ होने लगती हैं. जैसे दम फुलना, नाक और आँख से पानी आने लगना, लगातार छीकें आने लगना आदि जिसका तत्काल ईलाज आवश्यक है.
हालांकि होम्योपैथिक दवाओं का चुनाव रोगी की प्रकॄति, उत्पन्न शारीरिक और मानसिक लक्षण के साथ साथ मियाज्म के आधार पर किया जाता है फिर भी किसी खास वस्तु (उत्तेजक कारक) से उत्पन्न एलर्जी के लिए निम्न दवा का व्यवहार कर लाभ उठा सकते है. नीचे का चार्ट देखें
धुल और धुएं से एलर्जी ---------------------- पोथोस पोटिडा
प्याज से से एलर्जी ---------------------- थुजा, एलियम सिपा
एण्टिवायोटिक दवाओं से एलर्जी ---------------- सल्फर
दुध से एलर्जी -------------------------------- ट्युवर्कोलिनम, सल्फर
दही से एलर्जी -------------------------------- पोडोफाइलम
मिठाई से एलर्जी ----------------------------- आर्जेन्टम नाईट्रिकम
चाय से एलर्जी ------------------------------- सेलेनियम
काफी से एलर्जी ------------------------------ नक्स वोमिका
किसी प्रकार का टीका लगाने से एलर्जी ----- --- थुजा
किसी प्रकार के मसालों से एलर्जी --------- --- नक्स वोमिका
लहसुन से एलर्जी --------------------------- फासफोरस
अचार से एलर्जी ----------------------------- कार्बो वेज
साधारण नमक से एलर्जी -------------------- नैट्रम म्युर
फलों से एलर्जी ------------------------------ आर्सेनिक
तम्बाकू से एलर्जी----------------------------- नक्स वोमिका
माँ के दुध से बच्चे को एलर्जी ---------------- साईलेशिया
आलुओं से एलर्जी ---------------------------- एलुमिना
सब्जियों से एलर्जी --------------------------- नैट्रम सल्फ
मछली से एलर्जी ----------------------------- आर्सेनिक
गर्म पेय पदार्थो से एलर्जी --------------------- लैकेसिस
ठंडे पेय पदार्थों से एलर्जी ---------------------- विरेट्रम एल्बम
किसी भी उत्तेजक कारक के कारण यदि --------- एपिस/आर्टिका युरेन्स
त्वचा के जलन खुजली होने लगे तो
किसी भी उत्तेजक कारक के कारण यदि --------- नक्स वोमिका/ हिस्टामिन
लगातार छींक आने लगे, नाक से
पानी आने लगे , नजले जैसा लक्षण उत्पन्न
होने पर
उक्त दवाओं के 200/1M पोटेन्सी मे 3 खुराक तीन दिनों तक (प्रतिदिन एक बार शुबह में) लेकर फिर प्रत्येक सप्ताह एक खुराक लेने पर लें आशातीत लाभ मिल सकता है..
मैने धुल और धुयें से होने बाली एलर्जी में एकोनाईट 3x, इपिकाक 3x, एन्टिम टार्ट की 3xतीनों का मिश्रण 3-3 बुन्द प्रत्येक घटें पर रोग की तीव्रता के आधार पर देकर काफी लाभ पाया है. रोग की तीव्रता घटने पर दवा देने का अन्तराल बढाते जाते है. बाद में दिन मे तीन बार
किसी भी कारण यदि अचानक छींक आने लगे, नाक और आँख से पानी आने लगे तो मैं पहले नक्स वोमिका -200 का एक खुराक यानी दो बुन्द साफ जीभ पर दे देता हुँ और उसके 30 मिनट के बाद एकोनाईट - 3x या 30 तीन चार खुराकें 15-15 मिनट के अंतराल पर देने पर आशातीत सफलता प्राप्त हुई है.
यदि किसी कारण से शरीर पर लाल लाल चकत्ते आ जाये जिसमे काफी जलन और खुजलाहट हो (मुख्यत: यह मौसम के परिवर्तन के कारण या किसी उत्तेजक कारक के सम्पर्क मे आने से होता है.) तो सल्फर-200 का एक खुराक देकर एक घंटे के बाद तीन चार खुराकें रस टक्स-200 का दें तीन तीन घंटे के अंतराल पर .
Posted by Ashokkumar Baranwal, ओन Monday, August 24, 2009